सफेद पानी का रिसाव या स्वेत प्रदर ओर रक्त  प्रदर पूर्णतया  ठीक होने वाले रोग है

सफेद पानी का रिसाव या स्वेत प्रदर ओर रक्त प्रदर पूर्णतया ठीक होने वाले रोग है

सफेद पानी का रिसाव या स्वेत प्रदर ओर रक्त  प्रदर पूर्णतया  ठीक होने वाले रोग है 

भारत  वर्ष के 19 वें दशक से 20 वें दशक  तक स भी के घरों में आटा मसाला घट्टी में पिसाई होती थी   किसी भी प्रकार को चटनी बनाने के लिए  सिल बट्टे. का इस्तेमाल करते थे और आश्चर्य की बात है उस समय ऐसी बीमारिया नही थी

आज कल हम भैतिक युग मे जी रहे है जहाँ एक ओर आटा मसिनी चक्की से पिसते है और चटनी मिक्सी में बना लेते है शरीरिक श्रम पहले की अपेक्षा न के बराबर घरेलू ओरतें करती है फलस्वरूप उनको ये बीमारी सबसे ज्यादा अनुपात में होती है 

मासिक में अनियमतता अत्यधिक स्वेत प्रहर  गिरना ,मासिक  में खून कम आना या ज्यादा  आना, अनायास या मासिक में खून का स्त्राव बन्द न होना  ,हाथ पैरो में जलन होना ये मासिक लक्छण ल्युकेरिया नामक बीमारी के है  

उचित  उपचार न लेने के कारण रोगियों को जोड़ो का दर्द या कभी कभी गंठिया भी हो जाता है  लंबी अवधि तक ये बीमारी रहने पर रोगियों के यौनांग में गंदी बदबू आने लगती है 

इसके सफल उपचार के लिए हम नीचे कुछ जड़ी बूटियां लिख रहे है वो आप किसी भी पन्साँरी.की दुकान से लाकर धूप में सूखा कर मिक्सी में पीसकर बारीक मलमल के कपड़े से छान ले।

एक चम्मच सुबह नाश्ते के बाद ,

एक चम्मच रात्रि भोजन के पश्चात साफ पानी से लेवे।

नोट :-  इस दवा के सेवन के दौरान रोगियों को एक कटोरी दही या एक गिलास छाछ पिलावे ।

घटक :- हरड़, बहेडा, आंवला, सोंठ, काली मिर्च, छोटी पीपल, पितृक, चण्य, वायविडंग, सोंधा नामक, काला नमक, बच मीठा, होउ बे, कुठ मीठा, कर्चुर, देवदारु, छोटी इलायची, विधारा, एलवा, नागकेसर आदि ।
 
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डॉ राजकुमार कोचर से ऊपर लिखे नंबर पर सम्पर्क करें ।।।